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सफलता की बढ़ती ऊंचाइयां | Hindi Motivational Speech

शनिवार, 9 जून 2018

सफलता की बढ़ती ऊंचाइयां | Hindi Motivational Speech



सफलता की बढ़ती ऊंचाइयां | Hindi Motivational Speech


इससे पहले माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचना एक सपने (Dream) जैसा था। लोग सोचते थे कि एवरेस्ट को कोई नहीं जीत सकता।
8848 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचना, वो भी विपरीत वातावरण में, ऐसा करना क्या, सोचने से भी डर लगता था।


Motivational Speech

एवरेस्ट के शिखर को छूने की इच्छा “एक बहुत बड़ी सफलता” (Big Success) की शुरुआत मानी जाती थी। लेकिन आज बहुत से लोग एवरेस्ट के शिखर (Peak of Everest) पर पहुंच चुके हैं।
अब आज के समय में एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने की इच्छा का रिजल्ट क्या है?
दोस्तों! इसका रिजल्ट है– “पहले से छोटी सफलता।”
आज के समय में एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचना “केवल सफलता” रह गयी है जबकि एवरेस्ट को जीतने से पहले यह “बहुत बड़ी सफलता” के रूप में ही मानी जाती थी।
अब यदि आपको बहुत बड़ी सफलता प्राप्त करनी है तो एवरेस्ट की ऊंचाई से भी बड़ा काम आपको करके दिखाना होगा।
इसका सीधा सा मतलब यह भी है कि आपको आज बड़ी सफलता पाने के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी।
दोस्तों! आज के समय में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अधिक Hard Work करना होगा।
आज के समय में सफल होने के अवसर (Opportunities to succeed) बहुत बढ़ गए हैं- यह बात तो सही है लेकिन दूसरी सही बात यह भी है कि आजकल किसी भी अवसर को सफलता में बदलने के लिए Competition बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
कोई भी कार्य आप देख लो, उसमे सफल होने के लिए आपको काफी लोगों को पीछे छोड़ना होगा, बहुत ज्यादा मेहनत करनी होगी, तब कही जाकर आपको success प्राप्त होगी।
अब मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि आज के समय में बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए आपको पहले से अधिक Hard Work की जरुरत क्यों है–
1- आजकल किसी भी अवसर को सफलता में बदलने के लिए Competition बढ़ गया है।
2- आजकल Big Success प्राप्त करने के लिए आपको सफलता की अधिक ऊंचाई तक जाना होगा।
3- आजकल सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अपनी Success Speed को बढ़ाना होगा।
यदि मान लें कि जिंदगी एक दौड़ है (Life is a race) तो कभी ऐसा समय था जब कोई व्यक्ति अकेला ही इस दौड़ में शामिल था। उसको कम्पटीशन देने वाला कोई भी नहीं था।
समय के साथ इस दौड़ में भाग लेने वाले लोग बढ़ने लगे। अब इस दौड़ को जीतना सरल नहीं रह गया। अब Competition बढ़ गया। धीरे धीरे इस दौड़ में करोड़ों लोग शामिल होने लगे।
आज यदि हम देखें तो जिंदगी की इस दौड़ में अरबों लोग शामिल हैं और हर कोई इस दौड़ को जीतना चाहता है। जीत के लिए प्रतियोगिता आज इतनी बढ़ चुकी है कि आज आपको अधिक मेहनत करनी ही होगी।
पहले कोई सरकारी नौकरी पाना इतना कठिन नहीं था लेकिन आज वही नौकरी पाने में एड़ी से चोटी तक मेहनत करनी होती है।पहले बिज़नेस करना इतना कठिन कार्य नहीं था लेकिन आज के समय में शुरू होने वाले 95% बिज़नेस 5 साल से पहले ही दम तोड़ देते हैं।  क्यों? अरे! आजकल कम्पटीशन ही इतना है।
जब आज के समय में इतना कम्पटीशन बढ़ गया है तो क्या बड़ी सफलता एक सपना ही रह जायेगी?
बिलकुल नहीं! सफलता के शिखर आज पहले से बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं लेकिन जरुरत है तो केवल उन महारथी की जो इन सफलता के शिखर तक पहुंचने ही हिम्मत (Courage) रखते हो, जो Hard Work के साथ Smart Work भी कर सकते हों।
हर जगह Competition बढ़ गया है यह तो बहुत अच्छी बात है क्योंकि उस कम्पटीशन को Beat करने के लिए आज हमारे पास मौका है कि हम खुद को पहले से ज्यादा निखार सकें, हमें अपनी अंदर की उन शक्तिओं (Inner Powers) का भी पता चल सके जो अब तक हमारे अंदर से उभर कर सामने नहीं आयीं थीं।
आज बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए हमें सफलता की और अधिक ऊंचाई तक जाना होगा। क्या आप तैयार हैं? मुझे पता है कि आप तैयार होंगे।
God भी चाहता है कि आप अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचाने और खुद को बहुत बड़ी सफलता प्राप्त करने लायक बना लें।
आइये अब मैं आपको बताता हूँ कि आपको आजकल के समय में Big Success को प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा–
1- आपको हार्ड वर्क की बहुत जरुरत है लेकिन आज के समय में बड़ी सफलता पाने के लिए आपको SMART WORK की भी बहुत जरुरत है।
2- आपको अपनी आंतरिक शक्तिओं को जानना होगा तभी आप ऊंचाइयों तक छूती सफलता तक आसानी से पहुंच पाएंगे।
3- बड़ी सफलता तक पहुंचने के लिए आपको अपनी दौड़ को तेज करना होगा। ध्यान रखियेगा आपके पीछे करोड़ों और आपके आगे भी करोड़ों लोग भाग रहे हैं। जब तक आप अपनी SPEED नहीं बढ़ाएंगे तब तक सबसे आगे कैसे पहुंच पायंगे?
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स्वामी विवेकानंद का प्रसिद्द शिकागो भाषण | Swami Vivekanada Chicago Speech in Hindi


स्वामी विवेकानंद का प्रसिद्द शिकागो भाषण | Swami Vivekanada Chicago Speech in Hindi


Motivational Speech in Hindi

आज  DEWASI FOUNDATION पर हम आपके साथ Swami Vivekananda द्वारा 1893 में Parliament of Religions, Chicago में दी गयी inspirational speech HINDI में share  कर रहे हैं।ये वही भाषण है जिसने स्वामी जी की ख्याति पूरे विश्व में फैला दी थी और Parliament of Religions में हिंदुत्व और भारत का परचम लहरा दिया था।

 Motivational Speech in Hindi

Swami Vivekananda Speech in Hindi addressing the World Parliament of Religions, 11th September, 1893

 अमेरिकी बहनों और भाइयों,

आपके इस स्नेह्पूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय आपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया के सबसे पौराणिक भिक्षुओं की तरफ से धन्यवाद् देता हूँ। मैं आपको सभी धर्मों की जननी कि तरफ से धन्यवाद् देता हूँ, और मैं आपको सभी जाति-संप्रदाय के लाखों-करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से धन्यवाद् देता हूँ। मेरा धन्यवाद् उन वक्ताओं को भी जिन्होंने ने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में शहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है।
मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूँ जिसने दुनिया को शहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति (universal acceptance) का पाठ पढाया है।हम सिर्फ सार्वभौमिक शहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।
मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूँ जिसने इस धरती के सभी देशों के सताए गए लोगों को शरण दी है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इस्राइलियों के शुद्धतम स्मृतियाँ बचा कर रखीं हैं, जिनके मंदिरों को रोमनों ने तोड़-तोड़ कर खँडहर बना दिया, और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूँ जिसने महान पारसी देश के अवशेषों को शरण दी और अभी भी उन्हें बढ़ावा दे रहा है।
वर्तमान सम्मलेन, जो कि आज तक की सबसे पवित्र सभाओं में से है, स्वयं में गीता में बताये गए एक सिद्धांत का प्रमाण है, –
जो भी मुझ तक आता है; चाहे किसी भी रूप में, मैं उस तक पहुँचता हूँ, सभी मनुष्य विभिन्न मार्गों पे संघर्ष कर रहे हैं जिसका अंत मुझ में है
सांप्रदायिकता, कट्टरता, और इसके भयानक वंशज, हठधर्मिता लम्बे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं। इन्होने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है, कितनी बार ही ये धरती खून से लाल हुई है, कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है और कितने देश नष्ट हुए हैं।
अगर ये  भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नत होता। लेकिन अब उनका समय पूरा हो चूका है, मुझे पूरी उम्मीद है कि आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी हठधर्मिता, हर तरह के क्लेश, चाहे वो तलवार से हों या कलम से, और हर एक मनुष्य, जो एक ही लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं; के बीच की दुर्भावनाओं  का विनाश करेगा।
Watch Swami Vivekananda Motivational Speech At Chicago in Hindi ( Youtube Video)
स्वामी विवेकानंद
Chicago, Sept 11, 1893

स्वमी जी से सम्बंधित इन लेखों को अवश्य पढ़ें:

स्वामी विवेकानंद को अमेरिका और यूरोपे में हिंदुत्व के प्रचार प्रसार और Ram Krishna Mission की स्थापना के लिए हमेशा याद रखा जायेगा। हम ऐसे महान योगी को शत-शत नमन करते हैं।

APKI SAFALTA

दोस्तों! “AapkiSafalta” पर मेरी यह  Motivational Speech है।
आज मैं आपको उन शक्तियों (Powers) से परिचय कराने जा रहा हूँ जो आपको God Gift के रूप में मिली हुई हैं जो लोग इन शक्तियों के बारे में जानते हैं और उनका प्रयोग सफलता (Success) प्राप्त करने में करते हैं, वह इस दुनिया में एक सफल इंसान (Successful person) के रूप में जाने जाते हैं।दुनिया के अधिकतर लोग अपनी इन शक्तियों से अंजान हैं।
सबसे पहले मैं उस Power के बारे में चर्चा करना चाहता हूँ जो किसी भी व्यक्ति के प्रत्येक Achievement का Starting point होती है।
इसके बिना किसी भी Achievement के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
क्या आप बता सकते हैं कि उस शक्ति का नाम क्या है?

उस शक्ति का नाम है– इच्छा की शक्ति। (The power of desire)

यह आपकी एक ऐसी power है जिसके बिना आप सफलता की ओर एक कदम भी नहीं बढ़ा सकते।
आप उसी काम में सफल हो सकते हैं जिस काम को करने की आपकी इच्छा होती है। प्रत्येक कार्य इच्छा से ही शुरू होता है।
कमाल की बात यह है कि आपके अंदर किसी भी चीज को पाने की जितनी ज्यादा इच्छा होगी, वह चीज आपको उतनी ही जल्दी मिलेगी क्योकि आप जब किसी चीज को पाने की अथाह इच्छा (Immeasurable desire) रखते हैं तो आप पूरे मन (Mind) से और बहुत मेहनत (Hard work) के साथ उस चीज को पाने में जुट जाते हैं।
यदि आपके मुंह और नाक को बंद कर दिया जाये और आप सांस नहीं ले पाएं तो आप कैसा महसूस करेंगे???
जाहिर सी बात है, उस समय आप अपने अंदर हवा को पाने की एक झटपटाहट महसूस करेंगे।
उस समय हवा को पाने की आपकी इच्छा इतनी ज्यादा होगी कि आप हवा को पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार होंगे।
दोस्तों यदि ऐसी ही इच्छा आप अपने जीवन के लक्ष्य (Life Target) को पाने लिए करें तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपकी इच्छा के सामने नतमस्तक हो जाएगी और आप तभी रुकेंगे जब सफलता आपके कदम चूम रही होगी।
दोस्तों! आपके अंदर एक ऐसी शक्ति भी है जो आपको पूरे Universe से जोड़ देती है।
यह ऐसी शक्ति है जिसकी Speed दुनिया की किसी भी चीज की स्पीड से ज्यादा होती है।
सोचिये आपके अंदर ऐसी कौन सी power है जिसकी speed संसार में सबसे अधिक है???
आइये मैं आपको बताता हूँ।

हमारी उस शक्ति का नाम है– कल्पना शक्ति। (Imagination Power)

कल्पना शक्ति के द्वारा हम कभी भी और कहीं भी मानसिक रूप से पहुंच सकते हैं।
यदि आप कोई लक्ष्य (Goal) प्राप्त करना चाहते हैं तो आप अपने लक्ष्य की एक स्पष्ट तस्वीर अपने माइंड में बनाइए। आप अपनी कल्पना शक्ति (Imaginative power) का प्रयोग करते हुए सोचिये कि अगर आपको वह चीज मिल जाए जिसे आप अपनी जिंदगी में पाना चाहते हैं तो आपको कैसा महसूस होगा?
उस खुशी को Feel कीजिये जो आपको आपकी मनपसंद चीज मिलने के बाद महसूस होगी। इस तरह कल्पनाशक्ति का प्रयोग करने से आपको अपने लक्ष्य को पाने की इच्छा (The desire to get the goal) बहुत तेज़ हो जाएगी।
यदि आप रोज ऐसी कल्पना (Imagination) करेंगे तो आपकी उस चीज को पाने की इच्छा इतनी तेज़ हो जाएगी कि आप कैसे भी और कुछ भी करके उस चीज को प्राप्त कर ही लेंगे।दोस्तों! आप अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग अपने जीवन में आने वाली समस्याओं (Problems) को दूर करने के लिए भी कर सकते हैं।
आपकी कल्पना शक्ति आपको हर वह Solution देगी जो आप चाहते हैं।
सोचिये यदि आपके पास कोई बहुत बड़ी Problem आ जाये तो आपके पास अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग करने के दो रास्ते होंगे।
यदि आप अपनी Imagination Power को समस्या के परिणाम की ओर फोकस करेंगे तो आप बहुत परेशान हो जायेंगे। क्योकि तब आप आने वाली उन परेशानियों के बारे में सोच रहे होंगे जो वह समस्या अपने साथ लेकर आयी है।
अब इसके विपरीत यदि आप अपनी Imagination Power को समस्या के समाधान की तरफ focus करेंगे तो आपके दिमाग में धीरे-धीरे उस समस्या के Solutions आने लगेंगे और आप अच्छा अनुभव करोगे।
तो अब सोचना क्या है, जब भी समस्या सामने आये, अपनी कल्पना शक्ति को समस्या के समाधान की तरफ फोकस करो, Solutions जरूर मिलेंगे।
दोस्तों! यदि जिंदगी में कुछ अच्छा करना चाहते हो तो आप अपनी एक और Power के बारे में भी जरूर जान लें।
एक ऐसी Power जो आपके अंदर उस ताकत को भर देती है जिससे आप बंजर भूमि पर भी लहराती हुई फसल को उगाने में सफल हो सकते हो।
विपरीत परिस्थितियों में भी एक पर्वत की तरह सीना तान कर सफलता प्राप्त कर सकते हो।
आपके अंदर की वह शक्ति जिसके सहारे आप दुनिया को झुका सकते हो और सफलता से भी आगे निकल सकते हो।
क्या आप अपनी उस शक्ति के बारे में जानते हैं???
आइये आपका उस शक्ति से परिचय करवाता हूँ।

उस शक्ति का नाम है– आत्मविश्वास की शक्ति। (The power of self confidence)

आत्मविश्वास ऐसी शक्ति है जो यदि आपके अंदर मौजूद है तो आपके अंदर की प्रत्येक नकारात्मकता (Negativity) और आपके बाहर की सारी समस्याएं आपके सामने दम तोड़ देंगी।
आपका आत्मविश्वास आपको सीधे सफलता से जोड़ देता है।
सोचिये तेनजिंग नोर्गे (Tenzing Norgay) के लिए माउन्ट एवेरेस्ट को विजय करना क्या आसान होता, यदि उसके अंदर जरा सी भी Self confidence की कमी होती?
बिलकुल नहीं! उसका Self confidence ही उसे 8848 मीटर की ऊचाई तक ले गया।
यदि आपके अंदर अपने उद्देश्य (Goal) को प्राप्त करने का आत्मविश्वास है तो निश्चय ही आप Success प्राप्त करेंगे।
दोस्तों! आत्मविश्वास तो एक ऐसी शक्ति है कि यदि आप विश्वास कर लें कि “मैं सफलता प्राप्त करके ही रहूँगा” तो सारी कायनात आपकी मदद के लिए तैयार हो जाएगी।
आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्ति एक ऐसी चुम्बक के समान होता है जिसके सामने सफलता खुद व खुद आकर्षित होकर चली आती है।
जरा सोचिये! यह सभी शक्तियाँ आपके अंदर भी हैं। जगाइए इन सोई हुईं शक्तियों को। सफलता के लिए प्रयोग कीजिये इनका। अगर आप इन शक्तियों का सफल प्रयोग कर पाते हैं तो सारा आसमान आपका होगा जहाँ आप सफलता की उड़ान (Flight of Success) भर सकते हैं।
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                                  sanop dewasi 

बुधवार, 31 जनवरी 2018

अति पिछड़ा वर्ग MBC को 1 प्रतिशत आरक्षण के संबंध में कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

अति पिछड़ा वर्ग MBC को 1 प्रतिशत आरक्षण के संबंध में कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

संगीता देवासी / मगाराम जी (अध्यापक) निवासी खेजड़िया को दसवीं बोर्ड में MBC वर्ग में जिला टॉपर होने पर जिला स्तर पर पदमाक्षी पुरुस्कार एवम ब्लॉक स्तर गार्गी पुरुस्कार

संगीता देवासी / मगाराम जी
(अध्यापक) निवासी खेजड़िया को दसवीं बोर्ड में MBC वर्ग में जिला टॉपर होने पर जिला स्तर पर पदमाक्षी पुरुस्कार एवम ब्लॉक स्तर गार्गी पुरुस्कार मिलने पर देवासी फाउन्डेशन ग्रुप की ओर से बहुत बहुत हार्दिक बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।

सोमवार, 22 जनवरी 2018

Admit card

Admit Cards Released DateRecruitment BoardExam NameMore Information
12/01/2018RPSCAgriculture Research Officer Interview Call LetterDownload Here
10/01/2018RPSCLecturer-Sindhi Interview Call LetterDownload Here
10/01/2018RPSCJunior Hydro Geologist Interview Call LetterDownload Here
23/12/2017Rajasthan Legislative Assembly SecretariatReporter (Hindi & English) Call LetterDownload Here..
21/12/2017Collector & District Magistrate, JaipurJr Asst/ Equivalent Exam Call LetterDownload Here..
13/12/2017RPSCLecturer-Drawing & Painting Interview Call LetterDownload Here
02/12/2017RPSCLecturer Geology Interview Call LetterDownload Here
02/12/2017RPSCLecturer Persian Interview Call LetterDownload Here
02/12/2017RPSCLecturer Drawing & Painting Interview Call LetterDownload Here
20/11/2017RPSCCollege Lecturer, 2014 Interview Call LetterDownload Here

Upcoming Bank job 2018-19

Post DateBank NamePost NameQualificationLocal/Language ReservationLast DateMore Information
22/01/2018YES BankManager & Sr ManagerAny Degree/ PG--Get Details..
22/01/2018Cosmos Co Operative Bank LtdAsst Manager, Trainee Officer & ClerkAny Degree-23 & 24/01/2018 – Walk inGet Details..
20/01/2018Central Bank of IndiaDirector & Counselor – 04 PostsAny Degree/ PG-10/02/2018Get Details..
20/01/2018YES BankManager, Officer, Relationship Leader, PartnerAny Degree/ PG--Get Details..
19/01/2018SBIClerk – 8301 PostsAny Degree-10/02/2018Get Details
19/01/2018YES BankManager, Relationship Partner Acquisition, Asst Vice PresidentAny Degree/ PG--Get Details..
18/01/2018YES BankSr & Asst Manager, Client Relationship Partner, Sr OfficerAny Degree/ PG--Get Details..
17/01/2018YES BankOfficer, Manager & Asst Vice PresidentAny Degree/ PG--Get Details..
17/01/2018YES BankSr Manager, Client Relationship Partner, Sr OfficerAny Degree/ PG--Get Details..
16/01/2018Punjab National BankSports Quota – 09 Posts10th Class-03/02/2018Get Details
16/01/2018Bank of IndiaFaculty Members – 02 Posts--05/02/2018Get Details
16/01/2018YES BankClient Relationship Partner, Asst, Sr & Dy ManagerAny Degree/ PG--Get Details..
13/01/2018SBISpecialist Cadre Officers – 121 PostsAny Degree/ PG (Relevant Discipline), CA/ ICWA-04/02/2018Get Details
12/01/2018IBPSHead (Administration) – 01 PostAny Degree/ PG (Relevant Discipline)-31/01/2018Get Details
10/01/2018Canara BankProbationary Officer – 450 PostsAny Degree-31/01/2018Get Details
05/01/2018SBISpecialist Cadre Officers – 50 PostsChartered Accountant-28/01/2018Get Details
04/01/2018Syndicate BankProbationary Officer – 500 PostsAny Degree-17/01/2018Get Details

रविवार, 21 जनवरी 2018

History of dewasi cast

History of devasi society

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Rabari is the main caste of India. In India, this caste is recognized mainly by the names of Rabari, Raika, Devasi, Desai, Dhangar, Pal, Hiravanshi or Gopalakas, this caste has come out of Rajput caste, many such scholars believe. Being a well-respected and reverential person, the habitation of God remains in it, or living with the Gods, it is also known as Devi's name. In India, the Rebari caste is found mainly in Rajasthan, Gujarat, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Haryana, Punjab etc. States. Especially in North, West and Central India. In Pakistan, there is also an estimated 10000 Rebariis in Pakistan.


The history of the Rabari caste is very old. But from the very beginning, the main occupation of animal husbandry and the nomadic (illusory) life has not been written by any groundbreaking historical texts, and now whatever history is taking place, it is based on the legend. There is a different opinion about the origin of each race, in the same way a mythical legend about the Rebari caste is prevalent- it is said that one day Mata Parvati was making an ocean by wet mud on the banks of the river, only there Bholenath also came. Mother Parvati said to Lord Shiva - Hey! Why should Maharaj save the soil of this soil? Bholenath refined the mud (camel) of that clay. Mother passed away seeing the camel alive and said to Lord Shiva - Hey! Maharaj, as you have changed the clay camel in the form of a living creature, in the same way you also made a man to look after the camel and make it visible. Do you know. At the same time Lord Shiva had a glimpse of his face in front of his face. Lord Shiva made a man with the peeled peel of Samla. The man made from the palm of Samla was the Reberer of Samand Gauta (Branch). Even today, Samand Gauta is prominent in the Rebeari caste. Rebari was the ultimate Bhagat of Lord Shiva.


Shivaji sent Rabari to the Dholok with a trumpet of camel. He had four daughters, Shivaji married his wife Rajput (Kshatriya) caste men. And their offspring became beyond the rule of the Himalayas, for this they were known as "Rahabari" or "Rebari". Based on the texts of Bhaat, Charna and Vahivancho, the original man had 16 girls and those 16 girls were married with men of 16 Kshatriyas! Those who came out of the Himalayas, who came out of Solah, became aware of Rahabari and later Rahabari's disobedience, in the name of Rebari, after which the daughters of Solah whose branches (Gauta) Rathod, Parmar, Soalki, Maakvana etc. were kept. Jijo Dynasty continued to be divided into Rebeari castes in many branches (tribe). At present, 133 tribes or branches have emerged, which are also known as Vyostar.


Meaning of Vyasthar- (twenty + hundred + thirah) means 133 Gautra Firstly, this caste was identified by Reberer, but being a princess or a Rajput, by the name of Raiputra and by the name of 'Raicha', due to the absence of Raiputra, by following Gayo, by the name of Gopalka, during the time of Mahabharata, Pandavas Due to important work, this caste became known as 'Desai'. According to one belief, the chaos that had spread before Mecca-Madina in the area of ​​Mecca-Madina, the reason for opposing idol worship was started!


As a result, this caste became difficult to save his religion! Then our Goddesses would have been admitted to India by way of Himalayas in Palakchi. (Many Rebarias still do not install idols to their gods and goddesses, keep them in the palace!) There was a tomb of Han and doubt! In the Rebeari caste, even today the thumb is stuck (surname)! From this, it is estimated that Hun must have gone to the Rebeari caste! There is a belief that Lord Parshuram had made the earth salty 21 times, then 133 Kshatriyas accepted the work of animal husbandry leaving the Kshatriya religion due to Parashurama's fear! That's why they started to be known as 'Vihotar'! Vihote means 20 + 100 + 13 = 133. Whatever may be in mythology, but the root of this caste will be Asia Minor, from where Arya had come to India! Arya's main business was animal husbandry and Rabari's main occupation is still animal husbandry! It is estimated that this caste with Arya will have come to India!

देवासी समाज का इतिहास (History of Dewasi Samaaj)



देवासी समाज का इतिहास
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रबारी भारत की प्रमुख जन-जाति है। भारत मेँ इस जाति को मुख्य रूप से रेबारी, राईका, देवासी, देसाई, धनगर, पाल, हीरावंशी या गोपालक के नाम से पहचाना जाता है, यह जाति राजपूत जाति से निकल कर आई है, ऐसा कई विद्वानोनो का मानना है। यह जाति भली-भोली और श्रद्धालु होने से देवो का वास इसमे रहता है, या देवताओं के साथ रहने से इसे देवासी के नाम से भी जाना जाता है। भारत मेँ रेबारी जाति मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उतरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब आदि राज्योँ मेँ पायी जाती है| विशेष करके उत्तर, पश्विम और मध्य भारत में। वैसे तो पाकिस्तान में भी अंदाजित 10000 रेबारी है।

रेबारी जाति का इतिहास बहुत पूराना है। लेकीन शुरू से ही पशुपालन का मुख्य व्यवसाय और घुमंतू (भ्रमणीय) जीवन होने से कोई आधारभुत ऐतिहासिक ग्रंथ लीखा नही गया और अभी जो भी इतिहास मील रहा है वो दंतकथाओ पर आधारीत है। प्रत्येक जाति की उत्पति के बारे मेँ अलग-अलग राय होती है, उसी प्रकार रेबारी जाति के बारे मेँ भी एक पौराणीक दंतकथा प्रचलित है-कहा जाता है कि माता प्रार्वती एक दिन नदी के किनारे गीली मिट्टी से ऊँट जेसी आक्रति बना रही थी तभी वहा भोलेनाथ भी आ गये। माँ प्रार्वती ने भगवान शिव से कहा- हे ! महाराज क्योँ न इस मिट्टी की मुर्ति को संजीवीत कर दो। भोलेनाथ ने उस मिट्टी की मुर्ति (ऊँट) को संजीवन कर दिया। माँ प्रार्वती ऊँट को जिवीत देखकर अतिप्रश्वन हुयी और भगवान शिव से कहा-हे ! महाराज जिस प्रकार आप ने मिट्टी के ऊँट को जिवीत प्राणी के रूप मेँ बदला है ,उसी प्रकार आप ऊँट की रखवाली करने के लिए एक मनुष्य को भी बनाकर दिखलाओँ। आपको पता है। उसी समय भगवान शिव ने अपनी नजर दोडायी सामने एक समला का पैड था॥ समला के पेड के छिलके से भगवान शिव ने एक मनुष्य को बनाया। समला के पेड से बना मनुष्य सामंड गौत्र(शाख) का रेबारी था। आज भी सामंड गौत्र रेबारी जाति मेँ अग्रणीय है। रेबारी भगवान शिव का परम भगत था।

 शिवजी ने रेबारी को ऊँटो के टोलो के साथ भूलोक के लिए विदा किया। उनकी चार बेटी हुई, शिवजी ने उनके ब्याह राजपूत (क्षत्रीय) जाति के पुरुषो के साथ कीये। और उनकी संतती हुई वो हिमालय के नियम के बहार हुई थी इस लीये वो “राहबरी” या “रेबारी” के नाम से जानी जाने लगी! भाट,चारण और वहीवंचाओ के ग्रंथो के आधार पर, मूल पुरुष को 16 लडकीयां हुई और वो 16 लडकीयां का ब्याह 16 क्षत्रीय कुल के पुरुषो साथ कीया गया! जो हिमालयके नियम बहार थे, सोलाह की जो वंसज हुए वो राहबारी और बाद मे राहबारी का अपभ्रंश होने से रेबारी के नाम से पहचानने लगे,बाद मे सोलाह की जो संतति जिनकी शाख(गौत्र) राठोड,परमार,सोँलकी, मकवाणा आदी रखी गयी ज्यो-ज्यो वंश आगे बढा रेबारी जाति अनेक शाखाओँ (गोत्र) मेँ बंट गयी। वर्तमान मेँ 133 गोत्र या शाखा उभर के सामने आयी है जिसे विसोतर के नाम से भी जाना जाता है ।

विसोतर का अर्थ- (बीस + सौ + तेरह) मतलब विसोतर यानी 133 गौत्र ॥ प्रथम यह जाति रेबारी से पहचानी गई, लेकीन वो राजपुत्र या राजपूत होने से रायपुत्र के नाम से और रायपुत्र का अपभ्रंश होने से 'रायका' के नाम से , गायो का पालन करने से 'गोपालक' के नाम से, महाभारत के समय मे पांडवो का महत्वपूर्ण काम करने से 'देसाई' के नाम से भी यह जाति पहचानी जाने लगी! एक मान्यता के अनुसार, मक्का-मदीना के इलाको मे मोहम्मद पयंगबर साहब से पहले जो अराजकता फैली थी, जिनके कारणे मूर्ति पूजा का विरोध होने लगा!

उसके परिणाम से यह जाति ने अपना धर्म बचाना मुश्किल होने लगा! तब अपने देवी-देवताओ को पालखी मे लेके हिमालय के रास्ते से भारत मे प्रवेश कीया होगा. (अभी भी कई रेबारी अपने देवी-देवताको मूर्तिरूप प्रस्थापित नही करते, पालखी मे ही रखते है!) उसमे हूण और शक का टौला सामिल था! रेबारी जाति मे आज भी हूण अटक (Surname) है! इससे यह अनुमान लगाया जाता है की हुण इस रेबारी जाति मे मील गये होंगे! एक ऐसा मत भी है की भगवान परशुराम ने पृथ्वी को 21 बार क्षत्रीय-विहीन किया था, तब 133 क्षत्रीयो ने परशुराम के डर से क्षत्रिय धर्म छोडकर पशुपालन का काम स्वीकार लिया! इस लिये वो 'विहोतर' के नाम से जाने जाने लगे! विहोतेर मतलब 20+100+13=133. पौराणिक बातो मे जो भी हो, किंतु इस जाति का मूल वतन एशिया मायनोर होगा की जहा से आर्यो भारत भूमि मे आये थे! आर्यो का मुख्य व्यवसाय पशुपालन था ओर रेबारी का मुख्य व्यवसाय आज भी पशुपालन हि है! इसी लीये यह अनुमान लगाया जाता है की आर्यो के साथ यह जाती भारत में आयी होंगी!

अठारवाँ उंट खोजो

हिंदी कहानी – अठारवाँ उंट खोजो

अरब में एक बुढा आदमी रहा करता था, जिसके तीन बेटे थे! वह पशुपालक था इसलिए उसके पास सत्रह ऊंट थे! जब उस बूढे का अंत समय आया तो उसने अपनी एक वसीयत लिख कर अपने बेटों को दे दी।

कुछ दिनों के बाद वह गुजर गया। जब उसके तीनो बेटों ने उसकी वसीयत खोलकर पड़ी तो उन्होंने पाया की उसमे लिखा था की सबसे बड़े बेटे को सत्रह ऊँटों में से आधे मिलने चाहियें, उससे छोटे बेटे को सत्रह ऊँटों का एक तिहाई ऊंट मिलने चाहियें और, सबसे छोटे बेटे को सत्रह ऊँटों का नवां हिस्सा मिलना चाहिए!

सत्रह ऊँटों को आधे हिस्से में, या एक तिहाई हिस्से में या फिर नवें हिस्से में बटना संभव नहीं था! इसलिए तीनो में झगड़ा होने लगा!!! आखिरकार तीनो ने फैसला किया की वह किसी बुज़ुर्ग की मदद लेंगे!

वे गाव के एक बुज़ुर्ग और समझदार व्यक्ति के पास गए, और उन्हें अपने पिता के वसीयत बता दी! कुछ देर सोचने के बाद उस बुज़ुर्ग ने अपना एक ऊंट मंगवाया और उन सत्रह ऊँटों में मिला दिया। अब कुल ऊँटों की संख्या बढ़कर अठारह हो गयी!

वसीयत पढकर उन्होंने, बेटों को ऊंट बटना शुरू किये

अठारह का आधा यानि की नो ऊंट उन्होंने सबसे बड़े बेटे को दिए!

अठारह का एक तिहाई यानि की छह ऊंट उन्होंने मंझले बेटे को दिए!

अठारह का नोवां हिस्सा यानि दो ऊंट उन्होंने सबसे छोटे बेटे को दिए!

इस तरह कुल 17 ऊंट उन्होंने बेटों में बाँट दिए, अब आखिर में एक ऊंट बचा जो की उनका ही था, वह उन्होंने वापस ले लिया!

किसी भी समस्या का हल खोजने का, किसी समझोते पर पहुँचने का तरीका है, अठारवाँ उंट मिलाना, मतलब किसी एसी बात से शुरू करना जिस पर सभी पक्ष सहमत हों! इसके बाद इसमें और सहमती की बातें मिलाते हुए समस्या का हल खोजा जा सकता है!

समस्या को हल करने से पहले, यह मान कर चलें की, इसका कोई वास्तविक हल है, अगर हम यह सोचेंगे की इस समस्या को कोई हल ही नहीं है, तो हम उस तक पहुचने की कोशिश ही नहीं करेंगे!!!

शनिवार, 20 जनवरी 2018

मंजिल उन्ही को मिलती है

मंजिल उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है

पंख  से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है
रख हौसला, वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चल के, समंदर भी आयेंगा

थक कर ना बैठ, ए मंजिल के मुसाफिर
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा